देहरादून। बुधवार को हुई धामी कैबिनेट की बैठक में प्रदेश के मत्स्य पालकों के लिए एक महत्वपूर्ण फैसला लेते हुए आईटीबीपी के साथ एक एमओयू साइन करने और उत्तराखंड के साथ-साथ देश के बड़े शहरों में रेनबो ट्राउट मछली के लिए बाजार उपलब्ध कराने को मंजूरी दी गई है। कैबिनेट कैसे फैसला को लेकर प्रदेश के मत्स्य उत्पादकों में खुशी जाहिर करते हुए कहा कि फैसला उनकी आर्थिकी को बढ़ाने में सहायक होगा। सरकार का लक्ष्य है कि प्रदेश के ज्यादा से ज्यादा मत्स्य पालकों को प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना और मुख्यमंत्री मत्स्य संपदा योजना से जोड़ा जाए।
धामी कैबिनेट के फैसले के अनुसार प्रदेश के पशुपालक कुकुट पलक और मत्स्य पालक अपनी भेड़ बकरी कुकुट और मछली आइटीबीपी को बेचने की जिसके लिए पशुपालन विभाग आईटीबीपी के साथ एक एमओयू साइन करेगा। इस योजना का मकसद प्रदेश के पशुपालकों और मत्स्य पालकों को घर के पास ही बाजार देना और उनकी आर्थिक की को मजबूत करना है। वही इस योजना के जरिए सरकार मत्स्य पालन को स्वरोजगार से जोड़ने का भी प्रयास कर रही है जिसके लिए प्रदेश के बाहर भी मत्स्य पालकों के लिए बाजार उपलब्ध कराए जाएंगे।
रेनबो ट्राउट मछली की मार्केटिंग पर जोर, बड़े शहरों में बढ़ेगी डिमांड
दरअसल रेनबो ट्राउट मछली एक ऐसी प्रजाति है जो हिमालयन मछली के नाम से भी जानी जाती है। और इस मछली की विशेषता है कि इसका पालन 12 से 15 डिग्री सेल्सियस के बीच ठंडे पानी में किया जा सकता है जिसके लिए उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्रों में अपार संभावनाएं हैं यही कारण है कि रेनबो ट्राउट मछली पालन के लिए किसानों को प्रशिक्षित भी किया गया है और इस प्रशिक्षण के बाद मुख्य रूप से चमोली, उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग, टिहरी और बागेश्वर में रेनबो ट्राउट मछली का उत्पादन शुरू हो गया है। महंगी होने के कारण स्थानीय बाजारों में इसकी मांग कम है लेकिन बड़े शहरों में इसकी मांग इस मछली की मांग ज्यादा है यही कारण है कि सरकार मत्स्य सहकारी समिति के माध्यम से इस मछली की मार्केटिंग और इसके उत्पादन पर जोर दे रही है।