देहरादून। उत्तराखंड के जंगलों में लगी भीषण आग को रोकने के लिए विभाग के सभी दावे फेल साबित हुए हैं हालात इस कदर बिगड़ गए हैं कि प्रदेश के ज्यादातर जिलें वनाग्नि जैसी आपदा से प्रभावित हैं। वन विभाग की माने तो इस भयंकर आपदा के लिए बड़ी संख्या में आम नागरिक जिम्मेदार है जिसे देखते हुए विभाग ने 383 मुकदमे दर्ज किए हैं। वनों में लगने वाली आग का कारण जो भी हों लेकिन यह भी सच है कि फायर सीजन से पहले सभी इंतजामों की बात करने वाला वन विभाग वनाग्नि को कम करने में पूरी तरह से नाकाम रहा है। और आज भी उसे केवल मौसम के बदलने और बारिश होने का ही इंतजार है।
वनों की आग बुझाने के लिए बारिश का इंतजार
वन विभाग की नाकामी को लेकर जो कुछ भी हम कह रहे हैं उसके पीछे की वजह यह है कि फायर सीजन से पहले वन विभाग ने लाख दावे किए थे की वनाग्नि से निपटने के लिए विभाग पूरी तरह से तैयार है लेकिन जंगलों में जैसे-जैसे आग बढ़ने लगी विभाग के दावे भी दम तोड़ने लगे। हालात इतने बदल हो गए कि वनों की आज रिहायशी इलाकों तक पहुंचने लगी और इससे निपटने के लिए सेवा की भी मदद लेनी पड़ी।

दरअसल इस साल फायर सीजन में 6 मई तक 930 वनाग्नि की अलग-अलग घटनाएं पूरे प्रदेश में हो चुकी है जिसमें 1196 हेक्टेयर से ज्यादा वन संपदा को नुकसान पहुंचा है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आज की घटनाओं में इजाफा होते देखा वन विभाग को तलब किया और वन विभाग की सभी तैयारी के संबंध में एक समीक्षा बैठक की इसके बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मुख्य सचिव राधा रतूड़ी को एक सप्ताह में वन अग्नि की घटनाओं नियंत्रित करने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री के आदेशों का पालन करते हुए मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने सचिवालय में वन विभाग के उच्च अधिकारियों और संबंधित सभी जिला अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक करते हुए निर्देश दिए कि वन अग्नि की घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए हर संभव प्रयास किया जाए। साथ ही जो भी व्यक्ति इन घटनाओं को अंजाम देने में पाया जाता है उसे पर भी सख्त कार्रवाई की जाए।

इस संबंध में उत्तराखंड पुलिस महानिदेशक अभिनव कुमार ने जानकारी देते हुए बताया है कि पुलिस विभाग ने वनों में आग लगने वाले आरोपियों पर कार्रवाई करने के लिए एस ओ पी तैयार कर ली है। उन्होने बताया कि अब तक जो भी मुकदमे पुलिस द्वारा दर्ज किए गए हैं उनमें छह लोगों की गिरफ्तारी की जा चुकी है उन्होंने इस बात की भी जानकारी दी की वनाग्नि की घटनाओं की पुनरावृति करने वाले आरोपियों के खिलाफ गैंगस्टर भी लगाए जाने की तैयारी है और उनकी संपत्ति भी कुर्क की जाएगी।
मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने बैठक में मौजूद सभी उच्च अधिकारियों को सत्य निर्देश देते हुए कहा कि वनाग्नि को रोकने के लिए हरसंभव प्रयास किया जाए। मुख्य सचिव ने बताया कि वनाग्नि को रोकने के लिए वन क्षेत्र में मैनपॉवर को बढ़ाने के साथ आग बुझाने के लिए दमकल दस्तों में फॉम टाइप छोटी गाड़ियों की तैनाती भी की जा रही है। मुख्य सचिव ने कहा कि वन अग्नि के लिए राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के लिए बजट का आवंटन भी किया है। मुख्य सचिव ने दावा किया कि जंगलों की आग को एक सप्ताह के भीतर कंट्रोल कर लिया जाएगा उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के निर्देशों पर शहरी क्षेत्र में कूड़ा जलाने और किसानों के पिरूल जलाने पर भी प्रतिबंध होगा।