स्पोर्ट्स डेस्क। भारतीय कप्तान रोहित शर्मा के टेस्ट क्रिकेट से संन्यास के बाद भारत के दिग्गज बल्लेबाज विराट कोहली ने भी टेस्ट मैच प्रारूप से रिटायरमेंट की घोषणा कर दी है। अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर विराट कोहली ने लिखा है कि 14 साल पहले जब उन्होंने टेस्ट क्रिकेट की शुरुआत की थी उसे समय सोचा नहीं था कि वह इस फॉर्मेट का हिस्सा बनेंगे जिसने उनको निखारने का काम किया। 36 साल के विराट कोहली ने 123 टेस्ट में 46.85 की औसत से 9230 रन बनाए हैं जिसमें उन्होंने 30 शतक ठोके हैं।
विराट कोहली का टेस्ट क्रिकेट से संन्यास क्रिकेट प्रेमियों के लिए एक भावनात्मक क्षण है। एक ऐसा खिलाड़ी जिसने भारतीय क्रिकेट को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया, उसने अब सफेद कपड़ों में आखिरी बार मैदान पर उतरने का फैसला कर लिया है। 123 टेस्ट मैच, 30 शतक और अनगिनत यादगार पारियों के साथ विराट ने एक ऐसी विरासत छोड़ी है जिसे भुला पाना कठिन होगा।
हाल की टेस्ट सीरीज में विराट का प्रदर्शन औसत रहा—25 रन से कम का औसत बताता है कि वे अपने सर्वश्रेष्ठ फॉर्म में नहीं थे। हालांकि यह गिरावट हर महान खिलाड़ी के करियर में कभी न कभी आती है, विराट के संन्यास के फैसले ने कई सवाल भी खड़े कर दिए हैं—क्या यह फैसला जल्दबाजी में लिया गया? क्या टीम प्रबंधन को उन्हें और मौके देने चाहिए थे?
विराट का टेस्ट करियर सिर्फ आंकड़ों तक सीमित नहीं है। उनकी आक्रामक कप्तानी, फिटनेस की मिसाल, और मुश्किल हालात में टीम को संभालने की काबिलियत ने उन्हें आधुनिक युग का महान टेस्ट खिलाड़ी बना दिया। ऑस्ट्रेलिया में ऐतिहासिक टेस्ट सीरीज जीत हो या इंग्लैंड में जुझारू पारियां—विराट ने टेस्ट क्रिकेट को जीवंत रखा।
उनके संन्यास से एक युग का अंत जरूर हुआ है, लेकिन उन्होंने युवाओं के लिए जो मार्गदर्शन छोड़ा है, वह आने वाले वर्षों में भारतीय टीम को मजबूती देगा। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि विराट सीमित ओवरों में किस तरह अपने करियर को आगे बढ़ाते हैं, और क्या वह वहां भी वही जुनून बरकरार रख पाएंगे जो उन्होंने लाल गेंद से खेलते समय दिखाया।
विराट कोहली का टेस्ट से जाना एक खालीपन छोड़ता है, लेकिन उनका योगदान हमेशा भारतीय क्रिकेट इतिहास में स्वर्ण अक्षरों में लिखा रहेगा।