ब्यूरो देहरादून। हरिद्वार नगर निगम के चर्चित लैंड घोटाले में आखिरकार धामी सरकार ने बड़ा एक्शन लेते हुए सिटिंग जिलाधिकारी उप जिलाधिकारी और तत्कालीन नगर आयुक्त को सस्पेंड कर दिया है इसके अलावा इस केस में नौ अन्य लोगों पर भी धामी सरकार ने कार्रवाई की है। धामी सरकार किसी कार्रवाई पर विपक्ष ने सहना तो की है लेकिन जिम्मेदार अफसर की संपत्ति की जांच की मांग भी सरकार से की है।
हरिद्वार नगर निगम के बहुचर्चित जमीन खरीद फरोख्त में हुए करोड़ों रुपए के घोटाले के मामले में जांच टीम की रिपोर्ट के आधार पर आखिरकार धामी सरकार ने हरिद्वार के जिलाधिकारी कर्मेंद्र सिंह उप जिलाधिकारी अजय वीर सिंह और तत्कालीन नगर आयुक्त वरुण चौधरी के खिलाफ कार्रवाई करते हुए तीनों को सस्पेंड कर दिया है यह पहला मौका है जब उत्तराखंड में किसी जिलाधिकारी को सरकार ने इस तरह सस्पेंड किया जिससे प्रशासन में हड़कंप मचा हुआ है वहीं सरकार ने इस कार्रवाई के जरिए प्रदेश के नौकरशाही को एक मैसेज देने की भी कोशिश की है कि देवभूमि उत्तराखंड में अगर किसी भी पद पर रहकर कोई भ्रष्टाचार होता है तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। इस कार्रवाई के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का भी बयान सामने आया है उन्होंने साफ किया है कि उनकी सरकार जीरो टॉलरेंस की नीति पर चल रही है और उसके तहत प्रदेश में अगर कोई भी व्यक्ति भ्रष्टाचार में लिफ्ट पाया जाता है तो उसके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
जानिए क्या था पूरा मामला और कब हुआ हुआ खुलासा
दरअसल ये मामला उस समय का है जब नगर निगम में मेयर का कार्यकाल समाप्त हो चुका था और सरकार ने प्रशासक के रूप में सारी जिम्मेदारी नगर आयुक्त को दी थी इसी दौरान हरिद्वार के ज्वालापुर क्षेत्र के सराय में डंपिंग यार्ड के पास वाली जमीन को उसके दाम से कई गुना रेट में खरीदा गया था और इस मामले का खुलासा होने के बाद हरिद्वार की मेयर ने इसकी शिकायत मुख्यमंत्री से की थी जिसके बाद सरकार ने इस मामले में सीनियर आईएएस अधिकारी रणबीर सिंह चौहान की अध्यक्षता में एक जांच कमेटी बनाई जिसने 11 दिनों तक हर पहलू पर जांच करते हुए अपनी रिपोर्ट शासन को सौंपी जिसके आधार पर सरकार ने जिलाधिकारी हरिद्वार, उपजिलाधिकारी और तत्कालीन नगर निगम आयुक्त वरुण चौधरी को निलंबित कर दिया है जबकि एक अधिकारी के सेवा विस्तार सहित 9 अन्य पर भी कारवाई की गई है।
विपक्ष को सरकार की कारवाई से नहीं संतुष्टि, जिम्मेदार अधिकारियों संपत्ति की जांच और मुकदमे की मांग
हरिद्वार नगर निगम के जमीन घोटाले में आज सरकार की हुई कार्रवाई प्रदेश भर में चर्चा का विषय बनी रही हर किसी ने धामी सरकार की कार्रवाई पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की सराहना की है तो वहीं विपक्ष ने भी धामी सरकार के फैसले को सराहा है हालांकि विपक्ष का यह भी कहना है कि जो 12 अधिकारी इस पूरे प्रकरण में शामिल थे उनके खिलाफ केवल इस कार्रवाई से काम नहीं चलेगा बल्कि सभी की संपत्ति की भी जांच होनी चाहिए जिससे इस्पात का भी खुलासा हो सके कि उन्होंने कहां और किस तरह से रिश्वतखोरी करके पैसा जमा किया है_