उत्तराखंड में प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना में अन्नदाताओ के साथ धोखाधड़ी

देहरादून। एक तरफ कृषि के क्षेत्र में वन डिस्ट्रिक वन प्रोडक्ट का उत्तराखंड को रनर अप का अवार्ड मिला है तो दूसरी तरफ विपक्ष ने प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के तहत राज्य सरकार के कृषि मंत्री और विभागीय अधिकारियों पर 200 किसानों के साथ धोखाधड़ी का गंभीर आरोप लगाया है। प्रदेश कांग्रेस कमेटी की मुख्य प्रवक्ता गरिमा मेहरा दसौनी ने आरटीआई के माध्यम से यह बड़ा खुलासा किया है कि प्रदेश के 200 किसानों और उनके परिवारों के साथ करोड़ों रुपए की धोखाधड़ी की गई है।

देशभर के किसानों के लिए केंद्र सरकार द्वारा चलाई जा रही प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के तहत किसानों को कृषि के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले उपकरणों को खरीदने के लिए दिए जाने वाले अनुदान में उत्तराखंड के 200 किसानों के साथ धोखाधड़ी का मामला सामने आया है। कांग्रेस मुख्यालय में प्रेस वार्ता करते हुए प्रदेश कांग्रेस कमेटी की मुख्य प्रवक्ता गरिमा मेहरा दसौनी ने प्रदेश सरकार के कृषि मंत्री और मसूरी विधानसभा से विधायक गणेश जोशी और योजना के संबंधित विभागिय अधिकारीयों पर सरवाना और सीला नगर पंचायत के किसानों के फर्जी दस्तखत करके डेढ़ करोड़ से ज्यादा की रकम की बंदर बांट का गंभीर आरोप लगाया है।

मुख्य प्रवक्ता गरिमा मेहरा दसौनी ने आरटीआई के जरिए मिली जानकारी के अनुसार बताया कि वित्तीय वर्ष 2022-23 में मसूरी विधानसभा क्षेत्र के सरवाना और सीला, डोईवाला नगर पंचायत क्षेत्र के 200 किसानों के कृषि उपकरण खरीदने के लिए दिए जाने वाले अनुदान को वित्तीय वर्ष 31 मार्च 2023 की समाप्ति से तीन दिन पहले 28 मार्च 2023 को डेढ़ करोड़ रुपए फर्जी तरीके से अलग अलग खाते में रिलीज कर दिए गए। जिसके लिए किसानों के शपथ पत्र भी एक ही दिन एक ही वकील की नोटरी से जारी कराए गए थे। यही नहीं जिन किसानों के खाते में पैसे गए हैं उनमें से कई किसान ऐसे हैं जो इस दुनिया में हैं ही नहीं। इसके साथ कुछ किसानों के फर्जी साइन भी कराएं गए हैं।

विपक्षी दल कांग्रेस ने प्रदेश सरकार के कृषि मंत्री और विभागीय अधिकारियों पर उस समय भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए हैं जब उत्तराखंड को कृषि के क्षेत्र में दिल्ली में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने वन डिस्ट्रिक वन प्रोडक्ट के रनर अप का अवार्ड दिया है। और जो आप विपक्ष ने लगाए हैं उसके लिए आरटीआई से प्राप्त दस्तावेज भी पेश किए हैं ऐसे में सरकार को अपने कृषि मंत्री और अधिकारियों के ऊपर लगे इन आरोपों का खंडन करना है तो राज्य सरकार को इस मामले में जांच जरूर करनी चाहिए क्योंकि मामला केंद्र सरकार की योजना से जुड़ा है।

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