हरिद्वार। हरिद्वार में इन दिनों पतंगबाजी का शौक युवाओं के सर चढ़कर बोल रहा है। बाजारों में तरह-तरह की पतंग के साथ कई तरह के मांझे की मांग भी बढ़ गई है, जिसका दुकानदार खास तौर पर ख्याल रख रहे हैं। लेकिन पतंगबाजी का यह शौक कई परिवारों पर भारी भी पड़ रहा है क्योंकि बाजारों में आमतौर पर मिलने वालों वाले मांझे की जगह अब चीनी मांझे ने ले ली है जो काफी घातक सिद्ध हो रहा हैं। हर साल चाइनीज मांझे के कारण दुर्घटनाएं सामने आती हैं। इसके बाद प्रशासन खाना पूर्ति करते हुए चाइनीज मांझे को बैन करते हुए करवाई का हवाला देता है। बावजूद इसके चाइनीस मांझे की बिक्री पर कोई भी ब्रेक नहीं लग पाया है।

पिछले कुछ सालों में जब से चीनी मांझे ने बाजारों में एंट्री की है तब से इसके कारण दुर्घटना के कई मामले सामने आते हैं। हालांकि प्रशासन शक्ति जरूर दिखाता है लेकिन चाईनीज मांझे की मांग दिन पर दिन बढ़ती जाती है कभी खुलेआम तो कभी चोरी छुपे इसकी बिक्री होती रहती है जिसे प्रशासन भी अनदेखा कर देता है।

पिछले दो सालों में चाइनीज मांझे के कारण बढ़ती दुर्घटनाओं को देखते हुए हिंदू संगठन विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल प्रशासन को इसकी शिकायत करते हैं लेकिन शिकायत के बाद भी प्रशासन चाइनीज मांझे की बिक्री पर अंकुश नहीं लगा पाता। पिछले दो सालों की तरह इस साल भी विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल ने मिलकर नगर मजिस्ट्रेट को चाइनीस मांझे की बिक्री पर रोक लगाने की मांग करते हुए ज्ञापन सौंपा है।

विश्व हिंदू परिषद ज्वालापुर इकाई के प्रखंड कार्यकारी अध्यक्ष दिग्विजय सिंह का कहना है कि भले ही पिछले तीन सालों से स्थानीय प्रशासन को बार-बार चाइनीस मांझे की बिक्री पर रोक लगाने के लिए ज्ञापन दे रहे हैं, फिर भी चाइनीस मांझे की बिक्री बाजार में धड़ल्ले से हो रही है जिससे कई बार रहा चलते राहगीरों और दोपहिया वाहन पर सफर करने वाले लोगों के हाथ या गर्दन काटने के मामले सामने आते हैं। जिसकी ना तो प्रशासन जिम्मेदारी लेता है और ना ही इसे बेचने वालों पर किसी तरह की कोई कार्रवाई होती है। फिर भी विश्व हिंदू परिषद प्रशासन से मांग करता है कि चाइनीज मांझे को पूरी तरह से बैन कर दिया जाए ताकि लोग दुर्घटना का शिकार ना हो।