केदारघाटी का मुख्यमंत्री ने किया हवाई सर्वे, अधिकारियों को दिए केदारनाथ पैदल मार्ग जल्द दुरुस्त करने के निर्देश

रुद्रप्रयाग। बीती 31 जुलाई की रात भारी बारिश के चलते केदारनाथ पैदल मार्ग में लिनचोली से गौरीकुंड तक भूस्खलन की वजह से 29 जगहों से बाधित हो गया था जिसके कारण यात्रा को रोकना पड़ा इस दौरान पैदल मार्ग में हजारों की संख्या में लोग फंस गए जिनको 6 दिनों तक सुरक्षित रेस्क्यू कर लिया गया। मुख्यमंत्री धामी इस घटना के बाद सोनप्रयाग में लोगो के बीच पहुंचे और अधिकारियों को रेस्क्यू ऑपरेशन में तेजी लाने के निर्देश दिए।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी लगातार अधिकारियों के साथ वर्चुअल मीटिंग करते रहे और पल-पल का अपडेट भी लेते रहे। इस दौरान मुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार से भी रेस्क्यू ऑपरेशन के लिए सेवा के दो हेलीकॉप्टर की मांग की जिस पर केंद्र में चिनूक और एमआई 17 हेलीकॉप्टर को उत्तराखंड भेज दिया जिसके चलते रेस्क्यू ऑपरेशन भी युद्ध स्तर पर शुरू किया गया। और 6 दिनों तक चले रेस्क्यू ऑपरेशन में सभी लोगो को सुरक्षित रेस्क्यू कर लिया गया।

हेलीकॉप्टर से केदारनाथ यात्रा शुरू, पैदल मार्ग को जल्द दुरुस्त करने के मुख्यमंत्री ने दिए निर्देश

रेस्क्यू ऑपरेशन के आखिरी दिन मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने रुद्रप्रयाग पहुंचकर केदार घाटी का हवाई सर्वेक्षण किया इसके बाद मुख्यमंत्री ने रुद्रप्रयाग में अधिकारियों के साथ अतिवृष्टि के बाद राहत बचाव कार्यों की समीक्षा की। इस दौरान मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को केदारनाथ गौरीकुंड पैदल मार्ग को जल्द दुरुस्त करने के निर्देश दिए। वहीं सरकार ने रेस्क्यू ऑपरेशन पूरा होने के साथ हेलीकॉप्टर से केदारनाथ यात्रा शुरू कर दी है। वहीं मुख्यमंत्री ने समीक्षा बैठक में यात्रियों को हेली किराए में 25% की छूट की भी घोषणा की है।

रामपुर के जीएमवीएन होटल में स्थानीय लोगो से किया मुख्यमंत्री ने संवाद

रुद्रप्रयाग में हुई अतिवृष्टि में प्रभावित लोगों को बचाने के लिए रेस्क्यू टीमों और प्रशासन की टीमों के साथ स्थानीय लोगों ने भी अहम भूमिका निभाई थी जिसकी मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सराहना की और रुद्रप्रयाग पहुंचने पर मुख्यमंत्री ने सभी स्थानीय लोगों से रामपुर के जीएमवीएन होटल में मुलाकात की इस दौरान मुख्यमंत्री ने सभी लोगों को धन्यवाद दिया और सभी लोगों की समस्याएं भी सुनी जिसके लिए मुख्यमंत्री ने सभी लोगों को आश्वासन भी दिया।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *