असम में राहुल गांधी को मंदिर जाने से रोकने पर भड़की कांग्रेस बोली “दिल्ली के इशारे पर रोका गया”

देहरादून। एक तरफ पूरा देश राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह का जश्न मनाया जा रहा था। लोगो से प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शामिल होने की अपील की जा रही थी तो वहीं दूसरी तरफ भाजपा शासित असम में पुलिस ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी समेत भारत जोड़ो न्याय यात्रा में शामिल कार्यकर्ताओं को राम मंदिर जाने से रोक कर देश को राहुल गांधी की राम विरोधी इमेज दिखाने की कोशिश की है।

कांग्रेस नेता राहुल गांधी की मणिपुर से शुरू हुई भारत जोड़ो ने यात्रा 22 जनवरी की सुबह असम पहुंची जहां कांग्रेस नेता राहुल गांधी का पूर्व नियोजित राम मंदिर दर्शन का कार्यक्रम था लेकिन इस पूर्व नियोजित कार्यक्रम को असम पुलिस ने पूरा नहीं होने दिया दरअसल जैसे ही कांग्रेस नेता राहुल गांधी कार्यकर्ताओं के साथ राम मंदिर के पास पहुंचे तो उन्हें पुलिस ने बैरीगेट लगाकर रोक दिया। रास्ता रोके जाने पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने पुलिस अधिकारियों से कारण पूछा तो उन्हें कोई भी जवाब नहीं मिला इसके बाद कांग्रेस नेता राहुल गांधी अपने कार्यकर्ताओं के साथ सड़क पर ही बैठ गए और नारेबाजी करने लगे।

असम में कांग्रेस नेता राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा के साथ हुए इस व्यवहार पर देशभर में कांग्रेस नेताओं ने असम सरकार और मोदी सरकार पर जमकर हमला बोला है। उत्तराखंड कांग्रेस की मुख्य प्रवक्ता गरिमा मेहरा दसौनी ने मोदी सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि दिल्ली के आदेश के बाद असम में प्रशासन ने उनके नेता राहुल गांधी को राम मंदिर में दर्शन करने से रोका है। उन्होंने कहा कि अयोध्या में श्री राम मंदिर का निर्माण सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद किया जा रहा है लेकिन भारतीय जनता पार्टी अपने अहंकार में इस मंदिर को अपनी निजी संपत्ति के तौर पर दिख रही है मुख्य प्रवक्ता ने कहा कि देश के चार मठों के शंकराकार्यों की बात को अनदेखा करके जिस तरह से कांड प्रतिष्ठा कार्यक्रम हुआ है उससे लगता है कि भारतीय जनता पार्टी खुद को भगवान से भी बड़ा समझती है।

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