देहरादून। गोवंश संरक्षण के नाम पर सत्ता में आई भारतीय जनता पार्टी के राज में गौ वंश का हाल बद से बदतर हो जाएगा किसी ने सोचा भी नही था। एक तरफ गाय को राष्ट्रमाता घोषित करने के लिए संत समाज पूरी शिद्दत से लगा हुआ है तो वहीं देहरादून में बने कांजी हाउस में गायों का जिस तरह से रख रखाव हो रहा है उसे लगता है कि सरकार गाय के नाम पर केवल राजनीति कर रही है। दरअसल बुधवार को उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी की मुख्य प्रवक्ता गरिमा मेहरा दसौनी ने देहरादून के नवादा में स्थित कांजी हाउस से गायों की दुर्दशा की ह्रदय विदारक तस्वीरें दिखाई हैं। जो खुद को गायों का सबसे बड़ा हितैषी बताने वालों के लिए बेहद शर्मनाक है।
बार-बार सिस्टम की कई बड़ी लापरवाहियों को अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर दिखने वाली कांग्रेस की मुख्य प्रवक्ता गरिमा मेहरा दसौनी बुधवार को नवादा के कांजी हाउस पहुंची जहां उन्होंने करीब एक दर्जन मृत पड़े गौवंश की ऐसी तस्वीरें दिखाई जिन्हे देखकर किसी की भी रूह कांप जाए। दरअसल कांजी हाउस में करीब एक दर्जन गोवंश मरे पड़े मिले थे जिनकी आंखों तक को चील कौवों ने नोच खाया था। गरिमा यही नहीं कुछ गए ऐसी भी मिलीं जिनमें पर और कान काटे हुए मिले जिसे खून निकल रहा था। कुछ समय पहले तक इस कांजी हाउस का की देखभाल नगर निगम देहरादून करता था लेकिन कांजी हाउस में कई बार इसी तरह की गड़बड़ियां सामने आई जिसके बाद नगर निगम ने अपनी जिम्मेदारियां से पल्ला झाड़ते हुए इसका संचालन निजी हाथों में सौंप दिया। लेकिन मुनाफा कमाने के चक्कर में गायों के साथ जिस तरह की बर्बरता हो रही है उससे लगता है कि राजनीतिक दलों के साथ-साथ सरकारी अमला भी गायों के नाम पर राजनीति करना सीख गया है। इसीलिए अधिकारी अपनी आंखे मूंद लेता है।
हालांकि कांग्रेस मुख्य प्रवक्ता के इस खुलासे के बाद सीएमओ देहरादून और नगर आयुक्त ने नवादा कांजी हाउस का दौरा किया और इस कांजी हाउस के संचालक के खिलाफ मुकदमा भी दर्ज कराया साथ ही नगर आयुक्त और सीएमओ देहरादून दोनों ने संचालकों के खिलाफ कठोर कार्रवाई करने का भी आश्वासन दिया। वैसे यह कोई नई बात नहीं है की कांजी हाउस में गायों के साथ हो रही बर्बरता की तस्वीर सामने आई हूं इससे पहले भी कई बार कांजी हाउस में हो रहे गायों के साथ हो रहे बुरे बर्ताव को रिपोर्ट किया गया है, बावजूद इसके ना तो सिस्टम ने इस तरफ ध्यान दिया और ना ही सरकार लापरवाह अफसरों पर कारवाई कर पाई।
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