देहरादून। प्रदेश में अवैध मदरसों के खिलाफ अभियान के तहत राज्य सरकार ने अब तक पूरे प्रदेश में 136 मदरसों को कागजात पूरे न होने पर सील कर दिया है जबकि अभी भी सीलिंग की कारवाई की जा रही है। एक रिपोर्ट के अनुसार पूरे प्रदेश में 500 से अधिक अवैध मदरसे संचालित हो रहे हैं जिनको किस तरह से संचालित किया जा रहा है यह बड़ा सवाल है इसलिए सरकार ने अब इन मदरसों में होने वाली फंडिंग की भी जांच शुरू कर दी और ये भी पता लगाया जा रहा है कि कहीं ये फंडिंग हवाला के पैसों की तो नहीं है।
जिला स्तर की कमेटी करेगी जांच
राज्य में करीब 450 पंजीकृत मदरसे हैं, जो शासन को अपने दस्तावेज, बैंक खाते और आय-व्यय का पूरा ब्योरा देते हैं। लेकिन दूसरी ओर, 500 से अधिक मदरसे बिना किसी मान्यता के संचालित हो रहे हैं। इन मदरसों में पढ़ने वाले बच्चों का सत्यापन और आर्थिक स्रोतों की जांच के लिए शासन ने जिला प्रशासन को सख्त निर्देश जारी किए हैं। यह भी सुनिश्चित किया जाएगा कि इन अवैध मदरसों को किस स्रोत से धन मिल रहा है और उसका उपयोग किस उद्देश्य के लिए किया जा रहा है।
सीमा से सटे क्षेत्रों में खुल रहे अवैध मदरसे
पिछले कुछ समय में यूपी से सटे कस्बों जैसे जसपुर, बाजपुर, किच्छा, काशीपुर, रुद्रपुर, गदरपुर, पछवादून और हरिद्वार जिले में बिना पंजीकरण के कई मदरसे खुलने की सूचना मिली है। इन क्षेत्रों में अवैध रूप से मदरसों की बढ़ती संख्या सुरक्षा के लिहाज से गंभीर चिंता का विषय है। सरकार इन मदरसों के स्रोतों और उद्देश्यों की जांच कर आवश्यक कार्रवाई कर रही है।
अवैध मदरसे का निर्माण रुकवाया
देहरादून जिला प्रशासन की टीम ने आज सहसपुर के एक बड़े मदरसे को अवैध निर्माण मामले में पूर्व में दिए नोटिस के बाद सील कर दिया। उक्त मदरसे ने बिना प्राधिकरण की अनुमति के एक मंजिल का अवैध रूप से निर्माण कर लिया था।
किस जिले में कितने अवैध मदरसे हुए सील
ऊधम सिंह नगर 64
देहरादून 44
हरिद्वार 26
पौड़ी गढ़वाल 02
वहीं अवैध मद्रास पर हो रही सरकार की कार्रवाई पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि “प्रदेश में अवैध मदरसों, मजार और अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई लगातार जारी रहेगी। अवैध रूप से बड़े पैमाने पर मदरसों का संचालन गंभीर विषय है। जिसकी जांच के लिए अधिकारियों को जरूरी दिशा-निर्देश दिए गए हैं”।