सरकार ने वनाग्नि के लिए किसान को भी मना जिम्मेदार, जारी किए ये निर्देश

देहरादून। उत्तराखंड के जंगलों में लगी भीषण आग को नियंत्रित करने में जुटी सरकार ने किसानो द्वारा अपनी फसलों के अवशेष/पराली जलाने को वनों में आग फैलने का कारण मानते हुए किसानो को पराली या फसलों के अवशेष को ना जलाने की चेतावनी जारी की है इस संबंध में सभी जिला कृषि अधिकारियों को आदेश जारी किया गया है कि वो किसानो को इस संबंध में जागरूक करे।

मंगलवार को कृषि सचिव विनोद कुमार सुमन ने एक आदेश जारी करते हुए उत्तराखंड के सभी जिलों के कृषि अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा है कि किसानों को फसलों के अवशेषों/पराली को जलाने से होने वाले पर्यावरण और अन्य के नुकसान के बारे में बताया जाए। पत्र में यह भी लिखा गया है कि कोई भी किसान समझने के बावजूद अपनी फसलों के अवशेषों में आग लगाते हुए पकड़ा जाता है तो उसे उसे पर कार्रवाई की जाए।

मंगलवार को वन विभाग द्वारा जारी आंकड़े में प्रदेश में अब तक 998 वनाग्नि की घटनाएं हुई हैं जिसमे 1316 हेक्टेयर जंगलों को नुकसान पहुंचा है आग को नियंत्रित करने के साथ वन विभाग ने आग की घटनाओं के पीछे मैन मेड फायर को वजह बताया जिसको देखते हुए विभाग ने 388 मुकदमे भी दर्ज किए हैं। इस संबंध में सोमवार को डीजीपी उत्तराखंड ने साफ कर दिया था कि जो भी व्यक्ति वनों में आग लगाते हुए पकड़ा जाता है तो उसे पर गैंगस्टर एक्ट भी लगाया जाएगा और उसकी संपत्ति भी जब्त की जाएगी।

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