देहरादून। गुरुवार को कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता गरिमा मेहरा दसौनी ने आरटीआई से मिली जानकारी के आधार पर मसूरी विधानसभा क्षेत्र के किसानों के साथ प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना में हुई डेढ़ करोड़ की धोखाधड़ी के आरोपी के बाद आखिरकार सरकार की नींद खुली है। कृषि मंत्री गणेश जोशी ने इस मामले में जिम्मेदार रायपुर के कृषि एवं भूमि संरक्षण अधिकारी राजदेव पवार को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है इसके साथ ही मुख्य कृषि अधिकारी देहरादून और रायपुर विकासखंड में न्याय पंचायत प्रभारी वीरेंद्र सिंह नेगी और विकासखंड प्रभारी सेवानिवृत्ति विनोद धस्माना के साथ-साथ मुख्य कृषि अधिकारी देहरादून लतिका सिंह से भी स्पष्टीकरण मांगा है। हालांकि इस कार्रवाई से विपक्ष संतुष्ट नहीं है। कांग्रेस का आरोप है कि बिना किसी राजनीतिक संरक्षण के इतना बड़ा घोटाला नहीं किया जा सकता।

आपको बता दें कि गुरुवार को कांग्रेस की मुख्य प्रवक्ता ने एक प्रेस वार्ता करते हुए प्रदेश के 200 किसानों के साथ प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के तहत कृषि के लिए खरीदे जाने वाले उपकरणों की खरीद के लिए मिलने वाली धनराशि में डेढ़ करोड़ रुपए की धोखाधड़ी का आरोप लगाया था। कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता ने आरटीआई से मिली जानकारी के आधार पर भूमि संरक्षण अधिकारी, न्याय पंचायत प्रभारी पर फर्जी साइन के माध्यम से किसानों के फर्जी दस्तावेज लगाकर डेढ़ करोड़ रुपए की बंदर बांट के आरोप लगाए थे जिसके लिए कृषि मंत्री को भी जिम्मेदार ठहराया था।

महज 24 घंटे के भीतर कांग्रेस के आरोपों पर कृषि मंत्री गणेश जोशी ने बड़ी कार्रवाई करते हुए रायपुर के भूमि संरक्षण अधिकारी देहरादून की मुख्य कृषि अधिकारी और रायपुर के नगर पंचायत प्रभारी और विकासखंड प्रभारी पर कार्रवाई की है। कृषि विभाग में बीज घोटाले के बाद एक और फर्जीवाड़े से साफ जाहिर होता है कि प्रदेश के गरीब किसानों के साथ योजनाओं में धांधली की जा रही है। लेकिन बड़ा सवाल यही है कि क्या बिना किसी राजनीतिक संरक्षण के यह घोटाले संभव हैं।