देहरादून। अंतर्राष्ट्रीय डाक दिवस के 150 साल पूरे होने पर दो दिन पहले हर साल की तरह इस साल भी उत्तराखंड डाक परिमंडल ने राष्ट्रीय डाक सप्ताह को रूप में उत्सव की तरह धूमधाम से मनाया। इस मौके पर उत्तराखंड डाक परिमंडल ने 7 अक्टूबर से 11 अक्टूबर तक प्रतिदिन एक दिवस के रूप में मनाया जा रहा है। जिसका उद्देश्य आम जनमानस और व्यवसाईयों के जीवन में डाक विभाग की भूमिका के बारे में जागरूकता पैदा करना है।
डेढ़ सौ साल पूरे होने पर विश्व डाक दिवस को देश में “राष्ट्रों में संचार को सक्षम बनाने और लोगों को सशक्त बनाने के डेढ़ सौ वर्ष” थीम के साथ डाक विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों ने सेलिब्रेट किया और लोगों के बीच जाकर डाक विभाग की उपलब्धियां की जानकारी दी। उत्तराखंड डाक परिमंडल ने 7 अक्टूबर को मेल और पार्सल दिवस, 8 अक्टूबर को फिलेटली दिवस के रूप में मनाया जबकि 9 अक्टूबर को विश्व डाक दिवस पर देहरादून स्थित जीपीओ परिसर में मुख्य पोस्टमास्टर जनरल शशि शालिनी कुजूर ने “एक पेड़ मां के नाम” अभियान के तहत पेड़ लगाने के बाद 10 किलोमीटर पोस्टाथोन वॉक रैली को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।
इसके साथ ही 10 अक्टूबर को अंतोदय दिवस और 11 अक्टूबर को वित्तीय सशक्तिकरण दिवस के रूप में भी मनाया जाएगा। पिछले कुछ सालों में देश के साथ-साथ उत्तराखंड में डाक सेवाओं को मजबूत किया गया है। और इस साल प्रदेश के 31 गांव में नई पोस्ट ऑफिस खोलने के लिए निदेशालय को प्रस्ताव भी भेजे गए हैं इसके साथ जो आधार केंद्र सक्रिय नहीं है उसके लिए भी प्रयास किया जा रहा है कि उन्हें सक्रिय किया जाए।
इसके साथ ही डाक विभाग में मैनपॉवर को भरने के लिए भी प्रदेश में तेजी से कम हो रहा है जिसके लिए ग्रामीण डाक सेवक के पदों पर 2024 में 1238 पदों के लिए चयन सूची जारी की गई थी जिसमें से 802 अभ्यर्थियों का प्रशिक्षण चल रहा है जबकि 436 अभ्यर्थियों ने इस पद को पर तैनाती के लिए अपनी सहमति नहीं दी थी जिसको देखते हुए 436 पदों के लिए नई सूची आने वाले दिनों में ऑनलाइन पोर्टल पर जारी की जाएगी।