देहरादून। उत्तराखंड के अलग-अलग इलाकों में रहने वाली जिन लड़कियों को कभी लैपटॉप तक चलाना नहीं आता था वह आज मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की सोच के कारण ड्रोन दीदी के नाम से मशहूर हो गई है। प्रदेश की ऐसी 52 युवतियां हैं जिन्हें आईटीडीए कैल्क ड्रोन सर्विस टेक्नीशियन कोर्स कराया जा रहा है जिसके बाद अब ये बेटियां ड्रोन दीदी बनाकर ड्रोन असेंबलिंग रिपेयरिंग से लेकर ड्रोन फ्लाइंग का काम आसानी से कर रही है।
पिथौरागढ़ की तनुजा वर्मा, उत्तरकाशी की जशोदा और गैरसैंण की रौशनी ने सोचा नहीं होगा कि उनके जीवन में राज्य सरकार और ITDA कैल्क के सहयोग से एक ऐसा बदलाव आएगा जो उन्हें राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर एक नई पहचान देगा। यह तीनों आज प्रदेश की 54 बेटियों के साथ 37 दिनों के ड्रोन सर्विस टेक्निशियन कोर्स के तहत प्रशिक्षण प्राप्त कर रही हैं जिसमें रहने खाने और आने-जाने का खर्च सरकार की ओर से उठाया जा रहा है।
धामी सरकार लगातार ग्रामीण और आर्थिक सामाजिक रूप से कमजोर पृष्ठभूमि वाले युवाओं में तकनीकी कौशल बढ़ाने पर जोर दे रही हैं और इसी क्रम में आईटीडीए कैल्क, भारत सरकार की वित्तीय सहातया और उत्तराखंड युवा कल्याण विभाग के सहयोग से, अनुसूचित जाति की युवतियों के लिए ड्रोन सर्विस टैक्नीशियन कोर्स संचालित कर रहा है जिसका पहला बैच 6 जनवरी से देहरादून में प्रांतीय युवा कल्याण निदेशालय के परिसर में चल रहा है। जिसके तहत 330 घंटों का प्रशिक्षण दिया जाना है।
कोर्स पूरा करने के बाद पुरस्कार में मिलेंगे निशुल्क ड्रोन
उत्तराखंड सरकार, युवाओं को ड्रोन रिपेयरिंग और संचालन का प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए ऋषिकेश और पिथौरागढ़ में दो आईटी स्किल ग्रोथ सेंटर संचालित कर रही है। देहरादून में चल रहा प्रशिक्षण कार्यक्रम ऋषिकेश सेंटर के जरिए प्रदान किया जा रहा है। कोर्स के बाद परीक्षा आयोजित की जाएगी जिसमें सफल प्रशिक्षणार्थियों को भारत सरकार के इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय की ओर से प्रमाणपत्र प्रदान किया जाएगा और प्रशिक्षण में प्रथम पांच स्थान पर रहने वाली प्रशिक्षणार्थियों का निशुल्क ड्रोन भी दिया जाएगा।
वहीं बेटियों को तकनीकी शिक्षा देने वाली इस महत्वपूर्ण योजना पर मुख्यमंत्री का कहना है कि “उत्तराखंड के युवाओं को उच्च तकनीकी कौशल प्रदान करने के लिए सरकार कई योजना चला रही है। इसी क्रम में ड्रोन दीदी योजना भी संचालित की जा रही है। भविष्य में ड्रोन सेवाओं का दायरा बढ़ने वाला है, इसलिए हमारे पास इसके लिए पहले से ही प्रशिक्षित मानव बल उपलब्ध होगा”।