सिल्कयारा हादसा:- चुनौतीयों के बीच काम करते पत्रकार

उत्तरकाशी। सिलक्यारा टनल हादसे को आज 2 हफ्ते हो गए हैं दीपावाली की सुबह हुए इस हादसे में 41 मजदूर टनल के भीतर एग्जिट प्वाइंट से कुछ दूरी पर गिरे मलबे के कारण अंदर फंस गए जिसकी खबर लगते ही देहरादून में बैठे कुछ पत्रकार घरों में दीपावली त्यौहार को भूलकर सिलक्यारा टनल रवाना हो गए इन सभी पत्रकार के परिवारों को दीपावली, गोवर्धन, भाई दूज और ईगास सभी त्यौहार इनके बिना ही सेलिब्रेट करने पड़े। इन पत्रकारो का काम हालांकि दिल्ली मीडिया ने आसान जरूर कर दिया क्योंकि ओबी वैन पहुंचने से पहले टनल के आसपास मोबाइल कनेक्टिविटी ना होने के कारण देहरादून के सभी उन पत्रकारों को टनल के बाहर खबर शूट करने के बाद लाइव देने और खबर भेजने के लिए 4 किलोमीटर दूर आना पड़ रहा था और रात में सर्द हवाओं के थपेड़े, जिसे दिल्ली में ऑफिस में बैठा मीडिया शायद कभी समझ नहीं पाएगा।

2 हफ्ते बीत गए लेकिन किसी भी पत्रकार का हौसला अभी भी पस्त नही हुआ आज भी सब टनल के बाहर ही डटे हुए हैं अपने उस फर्ज को निभाने जो पत्रकारिता शुरू करने से पहले उन्होंने खुद से वादा किया था। तो आज हम उन मुख्य पत्रकारों से आपको रूबरू कराएंगे जो आज भी परिवार से दूर सिलक्यारा में डटे हुए हैं क्योंकि इनकी मौजूदगी के कारण शायद 41 मजदूरो की आस बनी हुई है वरना सिस्टम की भेंट चढ़ने में शायद समय नहीं लगता..

1- अजीत सिंह राठी (वरिष्ठ पत्रकार, न्यूज स्टेट)

सिल्कयारा में मौजूद पत्रकारों में सबसे ज्यादा चर्चा अजीत सिंह राठी की है जो देहरादून के वरिष्ठ पत्रकारों में से एक और न्यूज स्टेट न्यूज चैनल के प्रतिनिधि हैं। हालांकि अजीत सिंह राठी हादसे के 3 दिन बाद सिल्कयारा टनल पहुंचे हैं लेकिन जैसे ही वह टनल पर पहुंचे उन्होंने अपने संस्थान को सभी जानकारी देने के साथ-साथ रोजाना सोशल मीडिया के माध्यम से देश और दुनिया को रोजाना सिल्कयारा में चल रही पल-पल की अपडेट से अवगत कराया। जिसके लिए सोशल मीडिया पर मीडिया जगत के कई बड़े पत्रकारों ने उनको फॉलो करना शुरू किया है और सोशल मीडिया पर उनकी तारीफ़ भी की है। आप भी उनकी पल पल di जा रही अपडेट को फॉलो कर सकते हैं https://x.com/AjitSinghRathi?t=rsx-WMI6TX8MH624arbfVQ&s=08

2- रामानुज (संवाददाता, जी मीडिया)

देहरादून में जी मीडिया टीम में लंबे समय से कम कर रहे रामानुज रविवार 12 नवंबर दीपावली के दिन से ही टनल पर डटे हुए हैं और जी मीडिया संवाददाता के रूप में देश दुनिया को पाल-पाल की खबर से अपडेट कर रहे हैं। और टनल पर पहुंचने वाले वह पहले संवाददाता है जो घटना के बाद सबसे पहले टनल पर पहुंचे थे।

3- किशोर रावत (संवाददाता, एनडीटीवी)

किशोर रावत की देहरादून में लंबे समय से अलग-अलग संस्थाओं के लिए काम कर चुके हैं और मौजूदा समय में एनडीटीवी के लिए संवाददाता के तौर पर काम करते हैं किशोर रावत देहरादून से जी मीडिया टीम के बाद टनल पर पहुंचने वाले दूसरे पत्रकार हैं।

4- पंकज राणा और रवि कैंतूरा (दैनिक भास्कर और पंजाब केसरी)

दैनिक भास्कर के डिजिटल प्लेटफॉर्म संभाल रहे पंकज राणा और पंजाब केसरी डिजिटल के प्रतिनिधि रवि कैंतूरा भी देहरादून में लंबे समय से काम करते रहे हैं जिन्होंने हरिद्वार से लेकर जोशीमठ में त्रासदी को भी कवर किया है जो आज भी अपनी जिम्मेदारी को बखूबी निभा रहे हैं।

इन पांच पत्रकारों के अलावा कई ऐसे पत्रकार हैं जो टनल पर पहुंचे और पल-पल का अपडेट दर्शकों तक पहुंचा रहे हैं जिनमे वरिष्ठ पत्रकार मयंक राय, आज तक संवाददाता अंकित शर्मा, जनतंत्रटीवी हरीश खनेड़ा, सुनील राज, अशोक कुमार, आशीष डोभाल, प्रमोद खंडूरी और खासतौर पर उत्तरकाशी के स्थानीय पत्रकार जो सबसे पहले टनल पर पहुंचे और जिन्होंने सबसे पहले खबर दिल्ली में बैठे मीडिया कर्मियों तक पहुंचाई जिससे टनल के अंदर फंसे 41 मजदूर के बारे में जानकारी मिल सकी। पिछले 14 दिनों से बिना रुके टनल के अंदर या बाहर होने वाली हर हलचल को दर्शन को तक पहुंचने वाले इन सभी पत्रकारों को उत्तरांचल डायरी सैल्यूट करती है और उम्मीद करती है कि जिस रेस्क्यू ऑपरेशन के लिए ये सभी टनल के बाहर डटे हुए हैं वह जल्द पूरा हो और सभी 41 मजदूर सा कुशल टनल से बाहर रेस्क्यू किए जाएं जिसके बाद ये सभी पत्रकार भी खुशी खुशी देहरादून लौट जाए।

वैसे उत्तरांचल डायरी इन सभी पत्रकारों के कैमरामैन को विशेष धन्यवाद देना चाहता है जिनके बिना कोई भी कवरेज असंभव होती है उम्मीद करते हैं कि जल्द से जल्द सिलक्यारा में चल रहा ऑपरेशन पूरा हो जाएगा।

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