देहरादून। आज के दिन बीते शनिवार को अपने दो दिवसीय दौरे पर उत्तराखंड पहुंचे नीति आयोग के उपाध्यक्ष और उनकी टीम ने हरिद्वार ब्राह्मण के साथ भ्रमण के बाद देहरादून में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और शासन के सभी वरिष्ठ अधिकारियों विभाग अध्यक्षों के साथ एक बैठक की जिसमें उत्तराखंड के महत्वपूर्ण विषयों से संबंधित मुद्दों पर चर्चा की गई इस बैठक का मकसद उत्तराखंड में केंद्र से मिलने वाली मदद को बढ़ाना है जिससे राज्य का विकास तेजी से किया जा सके।
बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने नीति आयोग के अध्यक्ष को विपरीत भौगोलिक परिस्थितियों वाले उत्तराखंड राज्य में आपदा, वनाग्नि, पलायन और फ्लोटिंग जनसंख्या जैसी बड़ी चुनौतियों से अवगत कराया और उनसे हिमालयी राज्यों की भौगोलिक परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए नीतियों का निर्धारण करने और पर्वतीय क्षेत्रों के लोगों की आजीविका में वृद्धि के लिए विशेष नीति बनाने का भी अनुरोध किया। जिससे पर्वतीय क्षेत्रों से पलायन जैसी बड़ी समस्या का समाधान किया जा सके। इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने नीति आयोग को राज्य सरकार द्वारा हिम आधारित नदियों को वर्षा आधारित नदियों से जोड़े जाने की एक महत्वाकांक्षी परियोजना से भी अवगत कराया।

उन्होंने नीति आयोग के उपाध्यक्ष सुमन बेरी को बताया कि नदियों को जोड़ने से प्रदेश में दीर्घकालिक परिणाम गेम चेंजर साबित होंगे और इस “नदी-जोड़ो परियोजना“ के क्रियान्वयन के लिए अत्यधिक धनराशि की आवश्यकता है जिसके लिए नीति आयोग से तकनीकी सहयोग आवश्यकता है। मुख्यमंत्री ने नीति आयोग को इस बात की भी जानकारी दी कि राज्य सरकार द्वारा प्रधानमंत्री के वर्ष 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने के संकल्प को पूरा करने के लिए “सशक्त उत्तराखण्ड पहल“ वर्ष 2022 में शुरू कर चुकी है और सरकार ने इसी संकल्प को साकार करने के लिए राज्य की आर्थिक की राज्य की आर्थिक अगले 5 सालों में दोगुना करने का लक्ष्य रखा है और वर्तमान में राज्य की आर्थिकी वर्ष 2022 के सापेक्ष 1.3 गुना हो चुकी है।
वहीं नीति आयोग के उपाध्यक्ष सुमन बेरी ने नीति आयोग द्वारा जारी सतत विकास लक्ष्यों की रैंकिंग में उत्तराखण्ड को प्रथम स्थान मिलने पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को बधाई दी और कहा कि आज बैठक में राज्य की प्रमुख चुनौतियों से संबंधित जिन विषयों पर चर्चा हुई है इन सभी विषयों पर राज्य सरकार का संभव सहयोग किया जाएगा।