देहरादून। मई 2018 से राजीव गांधी इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम का संचालन कर रही कंपनी M/S ITUAL ने आखिरकार स्टेडियम को खाली कर दिया है। जिसके बाद राज्य सरकार ने स्टेडियम को अपने कब्जे में ले लिया है। हालांकि कंपनी के इस रवैया के कारण देहरादून के क्रिकेट प्रेमियों को भी झटका लगा है क्योंकि 23 फरवरी से स्टेडियम में होने वाली इंडिया वेटरन प्रीमियर लीग खटाई में पड़ गई है। जिसको कराने का जिम्मा कंपनी ने लिया था।
दरअसल मई 2018 में देहरादून के रायपुर में स्थित राजीव गांधी अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम के संचालन के लिए राज्य सरकार और मेर्सस आई०टी०यू०ए०एल० के बीच अनुबन्ध हुआ था। लेकिन कोरोना काल के बाद कंपनी ने ना तो सही से ग्राउंड का मेंटिनेंस किया था और ना ही स्टेडियम का बिजली का बिल जमा किया था। स्टेडियम में पर्याप्त संसाधनों के अभाव में कंपनी और सरकार के बीच विवाद नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल में भी चला जिसमें एनसीएलटी ने आई०आर०पी० अंशुल पठानिया को रिजोल्यूशन पलान हेतु नियुक्त किया गया था। नवम्बर 2023 में एनसीएलटी द्वारा मेर्सस ट्राइवर इन्टरप्राइजेज के रिजोल्यूशन प्लान को स्वीकार करते हुये आदेश निर्गत किये गये थे।
दरअसल मई 2018 में देहरादून के रायपुर में स्थित राजीव गांधी अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम के संचालन के लिए राज्य सरकार और मेर्सस आई०टी०यू०ए०एल० के बीच अनुबन्ध हुआ था। लेकिन कोरोना काल के बाद कंपनी ने ना तो सही से ग्राउंड का मेंटिनेंस किया था और ना ही स्टेडियम का बिजली का बिल जमा किया था। स्टेडियम में पर्याप्त संसाधनों के अभाव में कंपनी और सरकार के बीच विवाद नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल में भी चला जिसमें एनसीएलटी ने आई०आर०पी० अंशुल पठानिया को रिजोल्यूशन पलान हेतु नियुक्त किया गया था। नवम्बर 2023 में एनसीएलटी द्वारा मेर्सस ट्राइवर इन्टरप्राइजेज के रिजोल्यूशन प्लान को स्वीकार करते हुये आदेश निर्गत किये गये थे।
लेकिन कम्पनी ने नई संचालन एजेन्सी के रूप मे ना तो राज्य सरकार से अनुमोदन प्राप्त किया और ना ही मूल अनुबंधी शर्तों के अनुरूप एस्क्रो खाता खोला गया इसके साथ ही नई एजेंसी ने अपेक्षित बैंक गारन्टी भी उपलब्ध नहीं करायी। जबकि कम्पनी ने स्टेडियम में कार्यक्रम के लिए आयोजन कर रही संस्थाओं से बुकिंग भी ली थी। जिनमे 23 फरवरी से शुरू हो रही आईवीपीएल सीरीज भी शामिल है । खबर है कि कंपनी ने विवाद बढ़ता देख आयोजन के लिए मिली धनराशी को भी आयोजको को लौटा दिया है। जिससे सीरीज को देहरादून से शिफ्ट किया गया है।
वहीं स्टेडियम में नियमो का पालन ना करने के लिए सरकार ने कंपनी को नोटिस जारी किया। जिसका कंपनी के द्वारा नोटिस का जवाब नही दिया गया। यही कारण है कि नई संस्था द्वारा की जा रही बुकिंग के विरुद्ध रायपुर थाने में प्राथमिकी भी दर्ज कराई गई, जिसकी जांच जारी है। ऐसे में संस्था द्वारा शनिवार को स्टेडियम परिसर को रिक्त कर दिया। जिसके बाद राज्य सरकार द्वारा जन हित में स्टेडियम को अपने नियंत्रण में ले लिया गया है। विभागीय मंत्री से कार्य ने इसे उत्तराखंड के लिए सौगात बताया है।