देहरादून। इस साल शुरू होने वाली चार धाम यात्रा को ध्यान में रखकर श्री बद्रीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति ने यात्रा में आने वाले सभी श्रद्धालुओं की सुविधा को देखते हुए अपने अधीन सभी तीर्थस्थलों पर दर्शन-पूजा में व्यापक सुधार करने की कवायद शुरू कर दी है। जिसके लिए शनिवार को बीकेटीसी के मुख्य कार्याधिकारी ने अन्य अधिकारियों और कर्मचारियों के साथ एक वर्चुअल बैठक करके सुझावों पर चर्चा की।

आपको बता दें कि बद्रीनाथ धाम के कपाट खुलने के लिए बसंत पंचमी के दिन समय तय किया जाएगा। जबकि चारधाम यात्रा के लिए मंदिरों के कपाट खुलने से पहले ही बीकेटीसी को सभी तैयारी समय पर करनी होगी जिससे यात्रा में आने वाले सभी श्रद्धालुओं को सुविधा के साथ दर्शन कराए जा सकें। यही कारण है कि बीकेटीसी ने अपने सभी अधिकारियों को व्यवस्था दुरुस्त करने के निर्देश जारी कर दिए हैं। इसके साथ ही शनिवार को हुई बैठक में व्यवस्था बढ़ाने के लिए अधिकारियों और कर्मचारियों से मिले सुझावों पर भी विचार किया जा रहा है।

बीकेटीसी मीडिया प्रभारी डा. हरीश गौड़ ने जानकारी देते हुए बताया कि वर्चुअल बैठक में बीकेटीसी के अधीन आने वाले मंदिरों में यात्रियों को सरल-सुगम दर्शन व्यवस्था, पूजा के लिए ऑनलाईन पंजीकरण, ऑफलाईन पूजा व्यवस्था, विश्राम गृहों में पर्याप्त यात्री सुविधाएं, मंदिरों का प्रचार-प्रसार, भंडार सामग्री, पर्याप्त भोग सामग्री, खाद्यान व्यवस्था, दानीदाताओं के सहयोग से तीर्थ यात्रियों के लिए चलाए जाने वाले भंडारे, आडियों-वीडियों सिस्टम विकसित करने और सुरक्षा की दृष्टि से पर्याप्त सीसीटीवी लगाने के लिए अधिकारियों, विश्राम गृह प्रबंधकों, संबंधित काउंटर प्रभारियों और अन्य कर्मचारियों ने अपने सुझाव दिए हैं। जिन पर दूसरी बैठक में चर्चा के बाद अमल किया जाएगा।
शनिवार को हुई बैठक में कार्याधिकारी आरसी तिवारी, अधिशासी अभियंता अनिल ध्यानी, मुख्य प्रशासनिक अधिकारी गिरीश चौहान, सहायक अभियंता गिरीश देवली और विपिन तिवारी, मंदिर अधिकारी राजेंद्र चौहान, निजी सचिव प्रमोद नौटियाल, वेदपाठी रविंद्र भट्ट और रमेश भट्ट, वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी बिजेंद्र बिष्ट, डीएस भुजवाण, यदुवीर पुष्पवाण, कुलदीप भट्ट, विवेक थपलियाल रमेश नेगी, अनसुया नौटियाल, गिरीश रावत और संदीप कपरवाण, लेखाकार भूपेंद्र रावत, जगमोहन बर्तवाल, संतोष तिवारी और किशन त्रिवेदी, प्रबंधक विशाल पंवार और प्रदीप सेमवाल, संजय भट्ट, अमित राणा, भूपेंद्र राणा, अनिल भट्ट, देवी प्रसाद तिवारी, डा. हरीश गौड़, विश्वनाथ, संजय चमोली, दीपेंद्र रावत, अतुल डिमरी, केदार सिंह रावत, सोबन सिंह रावत, संजय तिवारी, पुष्कर रावत, अजीत भंडारी, नवीन भंडारी, अमित देवराड़ी और वैभव उनियाल ने सहभागिता की।