सुलगते मणिपुर के जख्मों पर मरहम लगाते हुए कल से शुरू होगी राहुल गांधी की “भारत जोड़ो न्याय यात्रा”

नई दिल्ली/देहरादून। दक्षिण भारत में कांग्रेस नेता राहुल गांधी को भारत जोड़ो यात्रा में मिले अपार जन समर्थन का असर हाल ही में पांच राज्यों के साथ तेलंगाना में हुए विधानसभा चुनाव में देखने को भी मिला जहां कांग्रेस ने शानदार प्रदर्शन करते हुए 64 सीटें जीती। हालांकि मध्य भारत, पश्चिम भारत और पूर्वोत्तर में कांग्रेस वैसा प्रदर्शन नहीं कर पाई जैसा की उम्मीद की जा रही थी यही कारण है कि आने वाले लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी एक बार फिर भारत जोड़ो न्याय यात्रा शुरू करने वाले हैं। जिसकी शुरुआत रविवार को हिंसा का दर्द झेल रहे मणिपुर से होगी।

सत्ताधारी दल भाजपा की लोकसभा तैयारी के साथ-साथ कांग्रेस भी अपनी लोकसभा तैयारी में जुटी हुई है लेकिन इस तैयारी में आगे निकलने की कोशिश करती कांग्रेस को बूस्टर देने के लिए कांग्रेस नेता राहुल गांधी पूर्वोत्तर से लेकर पूरे मध्य और पश्चिम भारत में करीब 100 लोकसभा सीटों पर भारत जोड़ो न्याय यात्रा शुरू करने वाले हैं। इस यात्रा के दौरान कांग्रेस नेता राहुल गांधी 67 दिनों तक 6713 किलोमीटर से ज्यादा की पदयात्रा करेंगे, जो 15 राज्यों के 110 जिलों की 100 लोकसभा और 337 विधानसभा सीटों से होकर गुजरेगी।

14 जनवरी से कांग्रेस नेता राहुल गांधी हिंसा से प्रभावित मणिपुर के चार जिलों में 107 किलोमीटर की पदयात्रा के साथ भारत जोड़ो न्याय यात्रा की शुरुआत करेंगे। मणिपुर, नागालैंड, असम, अरुणाचल प्रदेश, मेघालय, पश्चिम बंगाल, बिहार, झारखंड, उड़ीसा, छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान और गुजरात से होते हुए महाराष्ट्र तक निकाली जा रही इस यात्रा का समापन 20 मार्च को महाराष्ट्र में किया जाएगा। कांग्रेस की कोशिश रहेगी कि जिन राज्यों में भारत जोड़ो न्याय यात्रा निकाली जा रही है उन राज्यों की ज्यादा से ज्यादा लोकसभा सीटो पर 2024 लोकसभा चुनावों में अंतर पैदा किया जाए।

वैसे इस साल होने वाले लोकसभा चुनावों के लिए फरवरी माह में आदर्श आचार संहिता भी लगनी है। ऐसे में भाजपा भारत जोड़ो न्याय यात्रा के आयोजन को किस तरह से लेती है ये देखना काफी दिलचस्प होगा। क्योंकि जिस तरह का समर्थन दक्षिण भारत में भारत जोड़ो यात्रा के दौरान जनता ने दिया है उसे भारतीय जनता पार्टी किसी भी तरह से अनदेखा नहीं कर सकती। क्योंकि मामला लगातार तीसरी बार सत्ता पर काबिज होने का है।

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