ब्यूरो देहरादून। प्रयागराज पहुंचे मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने रविवार को आचार्य शिविर में आयोजित ‘समानता के साथ समरसता’ कार्यक्रम में प्रतिभाग किया। इस अवसर पर सभी संतो ने उत्तराखंड राज्य में सर्वप्रथम समान नागरिक संहिता लागू करने पर मुख्यमंत्री का अभिनंदन किया। संतो द्वारा पुष्पमाला के साथ मुख्यमंत्री को सम्मानित भी किया गया।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने सभी संतो को धन्यवाद अर्पित करते हुए कहा कि त्रिवेणी की पवित्र भूमि और महाकुंभ के शुभ अवसर पर पूज्य संतों का आशीर्वाद मिलना सौभाग्य की बात है। उन्होंने कहा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की विकसित भारत की कल्पना में पूज्य संतों का आशीर्वाद सबसे जरूरी है। उन्होंने कहा समान नागरिक संहिता लागू करना विकसित भारत की ओर कदम बढ़ाना है। मेरा जो सम्मान संतों ने किया है, वो उत्तराखंड के प्रत्येक नागरिक का सम्मान है।
मुख्यमंत्री ने कहा महाकुंभ हमारी सनातन संस्कृति की विशालता का एक प्रतीक सूत्र है। महाकुंभ के अवसर पर सभी महान संतों का आशीर्वाद मिलना उनके जीवन की सबसे बड़ी उपलब्धि है। हमारी सनातन संस्कृति सदैव समरसता और समानता की संभावक रही है। सनातन संस्कृति हम सबको समानता का अधिकार देना सिखाती है। सनातन संस्कृति की प्रेरणा से राज्य सरकार समान नगरिक संहिता लागू करने का साहसिक निर्णय लिया है।
आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरि महाराज ने उत्तराखंड सरकार ने यूसीसी लागू कर समाज में भेदभाव को खत्म कर दिया है। उत्तराखंड सरकार ने यह साबित कर दिया है कि वो भारतीय परंपराओं के प्रति कितने संवेदनशील है। उन्होंने कहा हम सभी संत गण अत्यंत गौरवान्वित है कि हम जिस राज्य से आते हैं, जहां हम रहते हैं, जो हमारी जन्मभूमि, कर्मभूमि है, उस राज्य के मुख्यमंत्री ने समान नागरिक संहिता लागू करके दिखा दिया है। उन्होंने कहा यूसीसी कि कमेटी ने स्वयं जाकर साधु संतों से भी संवाद किया था।
इस मौके पर स्वामी चिदानंद मुनि महाराज ने कहा कि चार धामों, उत्तराखंड की पावन धरती, मां गंगा, मां यमुना ने मुख्यमंत्री श्री धामी को चुना है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को उत्तराखंड की पवित्र भूमि से विशेष प्रेम है। उन्होंने कहा मुख्यमंत्री धामी के नेतृत्व में उत्तराखंड ने समान नागरिक संहिता की मांग को पूरी करके भारत माता का मान बढ़ाया है और मुख्यमंत्री धामी ने समान नागरिक संहिता लागू करके सर्व समाज की बात की है और यूसीसी लागू करके मुख्यमंत्री धामी ने भारत के लिए एक नई राह दिखाई है।