देहरादून। उत्तराखंड राज्य कर विभाग को लगातार ऐसी फर्मों द्वारा जीएसटी चोरी की शिकायतें मिल रही थी जो सरकारी विभागों के टेंडर प्राप्त करती थी। इन्हीं शिकायतों के निवारण के लिए राज्य कर विभाग ने हरिद्वार और देहरादून की फर्मों पर छापा मारते हुए करोड़ों रुपए की जीएसटी चोरी पकड़ी है। इन फर्मों से 50 लाख रुपए से ज्यादा की वसूली के साथ वैधानिक कारवाई भी की जा रही है।

दरअसल राज्य कर विभाग को लगातार शिकायतें मिल रही थी कि सरकारी विभागों के टेंडर लेने वाली कुछ फर्म जीएसटी चोरी करने के लिए फर्जी बिलो का इस्तेमाल कर रही है जिस पर कार्रवाई करते हुए शनिवार को राज्य कर विभाग की टीमों ने देहरादून और हरिद्वार फर्मों पर छापेमारी की है। उत्तराखंड राज्य कर विभाग से जारी बयान में बताया गया है कि देहरादून के दून यूनिवर्सिटी के पास स्थित एक फर्म को सूचना एवं लोक संपर्क विभाग से प्रचार सामग्री उपलब्ध कराने का टेंडर मिला था।
उक्त फर्म ने दिल्ली की कुछ फर्मो के बोगस इनवॉइस लेकर सूचना एवं लोक संपर्क विभाग को प्रचार सामग्री उपलब्ध कराई जिसके एवज में फर्म ने विभाग से 18 करोड रुपए का भुगतान भी प्राप्त कर लिया। शिकायत मिलने के बाद छापेमारी करने पहुंची राज्य कर विभाग की टीम ने शुरुआती जांच में फार्म से एक करोड़ 65 लाख की जीएसटी चोरी पकड़ी है। जबकि फर्म द्वारा व्यापार के लिए घोषित पते पर किसी तरह का काम होता भी नहीं पाया गया। जांच के दौरान फर्म के मालिक ने 33 लाख 20 हजार रूपए जमा कर दिए हैं जबकि बाकी कि जीएसटी चोरी का आकलन करने के बाद संपूर्ण जीएसटी चोरी की धनराशि को ब्याज सहित रिकवर करने की भी कर विभाग तैयारी कर रहा है।
इसके साथ ही हरिद्वार की भी इसी फर्मों पर छापेमारी की गई है जो जीएसटी चोरी के लिए फर्जी बिलों का इस्तेमाल करती हैं। राज्य कर विभाग की विशेष अनुसंधान शाखा हरिद्वार ने ऐसी फर्म के मालिकों से 20 लाख़ रुपए की वसूली की है। उत्तराखंड राज्य कर आयुक्त ने विभाग के अधिकारियों को जीएसटी चोरी करने वाली फर्मों की सूची तैयार करने के सख्त निर्देश दिए हैं।
इसके साथ ही उत्तराखंड राज्य कर विभाग ने सभी करदाताओं से अपील की है कि वह समय रहते अपनी रिटर्न दाखिल करते हुए कर का भुगतान करें। और अगर किसी भी करदाता को रिटर्न दाखिल करने में किसी भी तरह की परेशानी आए तो हेल्पलाइन नंबर 1800120122277 पर संपर्क करें। शनिवार को की गई छापेमारी में राज्य कर अधिकारी असद अहमद, श्रीमती अलीशा बिष्ट, सुश्री ईशा, गजेंद्र सिंह भंडारी, शैलेंद्र चमोली और निरीक्षक श्रीमती हेमा पुंडीर शामिल रहीं।